Monday, May 3, 2010

chanakya niti
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Sunday, April 4, 2010

तुम जैसे सब से पेश आओगे वैसे ही सब तुमसे पेश आएँगे

बचपन में एक कहानी पढ़ी थी कि
एक कुत्ता कहीं से भटकते हुए एक शीशमहल में जा घुसा और वहां ढेर सारे शीशों में खुद की ढेर सारी आकृतियाँ देख कर समझा की अब तो खैर नहीं इतने सारे कुत्तों ने घेर लिया है अब तो एक ही चारा है do or die और बस फिर क्या था कुत्ता गुर्राया सारे कुत्ते गुर्राए ,कुत्ता भौंका सारे कुत्ते भौंके और फिर कुत्त...े ने पहले शीशे पर हमला किया , शीशा टूट गया और एक कुत्ता गायब हो गया लेकिन ये कुत्ता इस प्रक्रिया में थोडा घायल हो गया फिर दूसरा शीशा फिर तीसरा फिर चौथा शीशे टूटते रहे और कुत्ता घायल होते होते अंत में स्वर्ग सिधार गया .

वहीँ कुछ समय बाद एक दूसरा कुत्ता आ गया अब इसने भी देखा की सैकड़ों कुत्तों ने घेर लिया है क्या किया जाए जान मुश्किल में फंसी देख इस दुसरे कुत्ते ने दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए अपनी पूंछ थोडा हिलाई बाकि सब तो आकृति मात्र ही थे सो उनकी भी पूछ भी हिलने लगी इस पर कुत्ता मस्त हो गया और दोड़ कर एक शीशे में दिख रहे कुत्ते से खेलने लगा फिर दुसरे से फिर तीसरे से और अंत में खेल कूद कर वापस चला गया.
moral of the story is की तुम जैसे सब से पेश आओगे वैसे ही सब तुमसे पेश आएँगे
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Friday, March 12, 2010

तीर्थ स्थल के पंडित और guides की लूटपाट

आप अक्सर मंदिरों में जाते हैं, वो चाहे केदारनाथ हो या बद्रीनाथ, विन्ध्याचल या बोध गया , हर मंदिर में क्या आप को भी कभी वहां के स्थानीय ब्राहमण आपको भी हैरान किये हैं , जी हाँ ये है हमारा अन्दर का सच की लगभग हर मंदिर पर बैठे हुए हुए तथाकथित पुजारी जो कभी हमारा जिले के आधार पर बटवारा करते हैं कभी जाति के आधार पर कुल मिला कर ये अनुष्ठान करवा लो या वो दान दे दो के नाम पर हमें चैन से दर्शन नहीं करने देते हैं , शायद आको पता न हो की जब ऐसा कोई पुजारी हमसे ,आपसे किसी मंदिर पर दान इत्यादि करवाता है तो हर १०० रुपये में से हमारे जाने के बाद उस पंडित को ८५ रुपये का भुगतान कर दिया जाता है यानि आप ने तो पैसा दिया था गरीबों या विधवाओं या असहायों के कल्याण हेतु लेकिन पैसा पहुँच जाता है पंडित जी के कल्याण में । जी हाँ ये सच है और उस पर से ये लोग आपको घर तक भी नहीं छोड़ते यानि अगर आप अपने घर का पता लिखवा आये तो ये आप के घर तक भी पहुँच जाते हैं हालाँकि इनमे कुछ नेक भी होते हैं लेकिन वो जो भी नेकी करते हैं उसके पीछे कारण घुमा फिरा कर वसूली करना ही होता है । सो अगर आप को भी ऐसे ही किसी मंदिर या धार्मिक स्थल पर हैरान परेशान किया गया है तो आइये बात करते हैं और दिखाइए अपने सारे साथियों की क्या हो रहा है शायद हम और आप मिल कर कुछ परिवर्तन ला सकें । मुझे आपके कमेंट्स और इ- मेल का इंतज़ार है .
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